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शनिवार, 27 जून 2020

आयुर्वेद और मेडिकल साइंस

!! राम राम जी !!
      सुप्रभात
  हर हर महादेव
आयुर्वेद में शहद को अमृत के समान माना गया हैं और मेडिकल साइंस भी शहद को सर्वोत्तम पौष्टिक और एंटीबायोटिक भंडार मानती हैं लेकिन आश्चर्य इस बात का हैं कि शहद की एक बूंद भी अगर कुत्ता चाट ले तो वह तुरन्त मर जाता हैं यानी जो मनुष्यों के लिये अमृत हैं वह शहद कुत्ते के लिये साइनाइड हैं !

दूसरा देशी घी शुद्ध देशी गाय के घी को आयुर्वेद अमृत मानता हैं और मेडिकल साइंस भी इसे अमृत समान ही कहता हैं पर आश्चर्य ये हैं कि मक्खी घी नही खा सकती अगर गलती से देशी घी पर मक्खी बैठ भी जाये तो अगले पल वह मर जाएगी इस अमृत समान घी को चखना मक्खी के भाग्य में नही होता!

मिश्री.. इसे भी अमृत के समान मीठा माना गया हैं आयुर्वेद में हाथ से बनी मिश्री को अमृत तुल्य बताया गया हैं और मेडिकल साइंस हाथ से बनी मिश्री को सर्वोत्तम एंटबायोटिक मानता है लेकिन आश्चर्य हैं कि अगर खर (गधे) को एक डली मिश्री खिला दी जाए तो अगले ही पल उसके प्राण पखेरू उड़ जाएंगे! ये अमृत समान मिश्री खर नही खा सकता हैं !

नीम के पेड़ पर लगने वाली पकी हुई निम्बोली में सब रोगों को हरने वाले गुण होते हैं और आयुर्वेद उसे अमृत ही कहता हैं मेडिकल साइंस भी नीम के बारे में क्या राय कहता हैं आप जानते होंगे! लेकिन आश्चर्य ये हैं कि रात दिन नीम के पेड़ पर रहने वाला कौवा अगर गलती से निम्बोली को चख भी ले तो उसका गला खराब हो जाता हैं अगर निम्बोली खा ले तो कौवे की मृत्यु निश्चित हैं !

इस धरती पर ऐसा बहुत कुछ हैं जो अमृत समान हैं अमृत तुल्य हैं पर इस धरती पर ऐसे जीव भी हैं जिनके भाग्य में वह अमृत भी नही हैं !

*मोदी भारत के लिये अमृत समान ही हैं पर इन मक्खी कुत्ते कौवे बागड़ बिल्ले आदि को ये समझाने में समय नष्ट न कीजिये क्योंकि इनके भाग्य में वो समझ ही नही हैं !*

संजय
गौ संवर्धन गौ संरक्षण विभाग

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