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सोमवार, 3 फ़रवरी 2020

Pyaj khana kiyo mana hai ?

 
*प्याज़ खाना क्यों मना!?!*    
(कृपया पोस्ट पूरी पढ़ें; ये जानकारी अन्य कहीं कहीं मिलेगी)

शाकाहार होने तथा चिकित्सीय गुण होने के बावजूद साधकों हेतु प्याज-लहसुन वर्जित क्यों है, इसपर विस्तृत शोध के कुछ बिंदु आपके समक्ष रख रहा हूं!....
1) एक बार प्याज़-लहसुन  खाने का प्रभाव देह में 27 दिनों तक रहता है,और उस दौरान व्यक्ति यदि मर जाये तो नरकगामी होता है!ऐसा शास्त्रों में लिखा है! प्याज़ की उत्पत्ति कुत्ते के अंडकोष से है,और लहसुन की कुत्ते के नख से!इसलिए प्याज़-लहसुन खानेवाला कुत्ते के मांस को पकाकर खाने वाले के समतुल्य माना जाता है!

2) प्याज़ का सेवन करने से 55 मर्म-स्थानों में चर्बी जमा हो जाती है, जिसके फलस्वरूप शरीर की सूक्ष्म संवेदनाएं नष्ट हो जाती हैं!

3) भगवान के भोग में, नवरात्रि आदि व्रत-उपवास में ,तीर्थ यात्रा में ,श्राद्ध के भोजन में और विशेष पर्वों पर प्याज़-लहसुन युक्त भोजन बनाना निषिद्ध है, जिससे समझ में आ जाना चाहिए कि प्याज-लहसुन दूषित वस्तुएं हैं!

4)कुछ देर प्याज़ को बगल में दबाकर बैठने से बुखार चढ़ जाता है! प्याज काटते समय ही आंखों में आंसू आ जाते हैं, जिससे यह अनुमान लगाया जा सकता है कि शरीर के भीतर जाकर यह कितनी अधिक हलचल उत्पन्न करता होगा!?!

5) हवाई-जहाज चलाने वाले पायलटों को जहाज चलाने के 72 घंटे पूर्व तक प्याज़ का सेवन ना करने का परामर्श दिया जाता है, क्योंकि प्याज़ खाने से तुरंत प्रतिक्रिया देने की क्षमता(Reflexive ability) प्रभावित होती है!

6) शास्त्रों में प्याज़ को "पलांडू" कहा गया है! याज्ञवल्क्य संहिता के अनुसार प्याज एवं गोमांस दोनों के ही खाने का प्रायश्चित है--- चंद्रायण व्रत!(इसीलिए श्री जटिया बाबा प्याज़ को गो मांस तुल्य बताते थे!)

7)  लैबोरेट्री में टेस्ट करने पर भी प्याज़ और लहसुन में क्रमशः गंधक और यूरिया प्रचुर मात्रा में मिलता है, जो क्रमशः मल मूत्र में पाया जाता है!

😎 एक अन्य कथा के अनुसार,भगवान विष्णु के मोहिनी अवतार द्वारा राहूकेतू का सिर काटे जाने पर उसके कटे सिर से अमृत की कुछ बूंदे ज़मीन पर गिर गईं थीं,जिनसे प्याज़ और लहसुन उपजे! चूंकि यह दोनों सब्जियां अमृत की बूंदों से उपजी हैं, इसलिए यह रोगों और रोगाणुओं को नष्ट करने में अमृत समान होती हैं,पर क्योंकि यह राक्षस के मुख से होकर गिरी हैं, इसलिए इनमें तेज गंध है और ये अपवित्र हैं, जिन्हें कभी भी भगवान के भोग में इस्तमाल नहीं किया जाता! कहा जाता है कि जो भी प्याज और लहसुन खाता है उनका शरीर राक्षसों के शरीर की भांति मजबूत हो जाता है,लेकिन साथ ही उनकी बुद्धि और सोच-विचार राक्षसों की तरह दूषित भी हो जाते हैं!

9)इनके राजसिक तामसिक गुणों के कारण आयुर्वेद में भी प्याज़-लहसुन खाने की मनाही है! प्राचीन मिस्र के पुरोहित प्याज़-लहसुन नहीं खाते थे! चीन में रहने वाले बौद्ध धर्म के अनुयायी भी प्याज़-लहसुन खाना पसंद नहीं करते!

10) प्याज़-लहसुन खाने के बाद इसका असर रक्त में रहने तक मन में कामवासनात्मक विकार मंडराते रहते हैं! वीर्य की सघनता कम होती है और गतिमानता बढ़ जाने से कामवासना में वृद्धि होती है!
       
     इतने प्रमाण होते हुए भी केवल जीभ के स्वार्थ हेतु प्याज़-लहसुन खाते रहेंगे,तो जड़ बुद्धि कहलाएंगे!इसलिए इनका तुरंत परित्याग करने में ही भलाई है!(घरवाले नहीं मानते,तो उन्हें उपरोक्त बातें समझाएँ)
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